इधर उधर की बात 109 - शग़ुन 501 ब्रिगेडियर पी एस घोतड़ा (सेवानिवृत्त)
"माद*चो* मुनीर फिर जंग छेड़ेगा और भारत में महंगाई बढ़ा देगा, हमारी ज़िंदगी नर्क बना देगा," एक बुज़ुर्ग आदमी ने कहा।
मैंने समझने की कोशिश की कि बात क्या है। फिर पता चला कि उसने टीवी पर खबर ग़लत समझी है। खबर तो अफगानिस्तान को मुनीर की तरफ से दी गई धमकियों के बारे में थी।
मुझे हैरानी हुई जब एक और आदमी ने कहा, "हाँ, बिल्कुल।"
यही बातें पंजाब के किसी अस्पताल के जनरल वॉर्ड के अटेंडेंटों के लिए वेटिंग हॉल में हो रही थीं। मुझे समझ आया कि पंजाब के लोग इतने जंग के माहौल में रह गए हैं कि वे कभी सोचते ही नहीं कि पाकिस्तान का किसी और देश से भी झगड़ा हो सकता है। उन्हें नहीं पता कि अफगानिस्तान को किसी ने यकीन दिला दिया है कि उनका असली दुश्मन तो रूप बदलकर उनका दोस्त बनकर बैठा था।
पर मेरा अपना नकली भेष भी उतर गया जब एक बुज़ुर्ग सिख आदमी ने, मुस्कुराकर कहा— “साहब जी, चाय पियोगे?”
मैंने हँसकर कहा, “मैं कोई साहब नहीं हूँ।”
वह बोले, “साहब जी, मैंने डी.एस.सी. समेत तीस साल फौज में नौकरी की है। मैं चाल से पहचान लेता हूँ अफ़सर को।”
मैंने इशारा करके उन्हें कहा कि इस बात को छोड़िए।
उधर टीवी पर ट्रम्प आ गया। खबर चल रही थी कि कुछ हरियाणा के नौजवानों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। एक आदमी चिढ़कर कहता है, “ये बंदर (ट्रम्प) को हर बार टीवी पर क्यों दिखाते हैं? सुना है, इसने सी.आई.ए. का बंदा बांग्लादेश भेजा था मोदी को मारने के लिए। पुतिन ने बचाया था।”
एक औरत ने तुरंत कहा, "बड़ा कुत्ता है।"
मुझे लगा ट्रम्प को और गालियाँ भी पड़ेंगी, पर अगली खबर आई— डी.आई.जी. की गिरफ्तारी और उसके घर की तलाशी के बारे में। सब चुप हो गए और ध्यान से सुनने लगे।
खबर ख़त्म होती है तो एक आदमी कहता है— “मोदी और शाह को अब 501 का शगुन पंजाब को दे देना चाहिए।”
मैंने पूछा, “क्या मतलब?”
उसने कहा, “पंजाब करप्शन से तंग आ गया। आम आदमी पार्टी पर भरोसा किया था, 92 सीटें दीं। पर उन्होंने कुछ नहीं किया। अब जब यह डी.आई.जी. सेंट्रल एजेंसी ने पकड़ लिया, तो मेरी राय है कि इन एजेंसियों को 501 और ऐसे बंदे पकड़कर पंजाब के लोगों को तोहफे के तौर पर देने चाहिए — 2027 के चुनावों से पहले।”
मैंने पूछा, “इससे क्या होगा? लोग तो छह महीने में भूल जाते हैं।”
उसने कहा, “एजेंसियाँ सारा सबूत सात महीने में इकट्ठा करें और फिर एक ही बार में इन भ्रष्ट बंदों को गिरफ़्तार करें। जब यह होगा, पंजाब का बच्चा-बच्चा बी.जे.पी को वोट डालेगा। पर शर्त यह है कि अच्छे कैंडिडेट लाएँ, दल-बदलू नहीं। ऐसा हुआ तो नशों पर कंट्रोल होगा क्योंकि नौकरशाही अपना काम ठीक करना शुरू कर देगी।”
एक और राजनीतिक सूझ वाले बंदे ने कहा, “कुछ नहीं बदलेगा। पार्टियों के उम्मीदवार अपना पेट कैसे भरेंगे। जब झूठे वादे से वोट मिलते हैं तो बीजेपी इतना काम क्यों करेगी। वोट तो लोग जात-बिरादरी के नाम पर दे देते हैं।”
सारे इकठ्ठे बोले, “चुप कर!”
इसका मतलब— पंजाब का दिल अभी भी एक भ्रष्टाचार-मुक्त राज्य के लिए धड़कता है।
मुझे यह भी एहसास हुआ कि ए.सी वालों की सोच और नॉन-ए.सी वालों की सोच अलग होती है। और वोट तो नॉन-ए.सी वाले ही डालते हैं।
जय हिन्द।

You hv stated a fact of governance in Punjab Bhai.The large scale corruption is prevalent in all the state govt departments.No political party is serious to tackled the issue.The statement of last participant is 16 Anne TRUE.
ReplyDelete